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पृथ्वी का ताप बजट

इस लेख में हम पृथ्वी के ताप बजट (Heat Budget) के बारे में अध्ययन करने जा रहे हैं।

लेकिन इससे पहले कि हम पृथ्वी के ताप बजट का अध्ययन करें, कुछ नियम और अवधारणाएँ हैं जिन्हें हमें जानना चाहिए।

पृथ्वी को ऊष्मा ऊर्जा कैसे प्राप्त होती है?

पृथ्वी सौर विकिरण के माध्यम से ऊष्मा ऊर्जा प्राप्त करती है। आने वाले सौर विकिरण को सूर्यातप (insolation) भी कहा जाता है। यह ऊर्जा वायुमंडल के शीर्ष पर लगभग 1.94 कैलोरी प्रति वर्ग सेमी प्रति मिनट होती है।

पृथ्वी की सतह पर अधिकांश ऊर्जा लघु तरंगदैर्ध्य, अर्थार्थ short wavelengths के रूप में आती है (वायुमंडल इसके लिए काफी हद तक पारदर्शी होता है)।

सौर विकिरण वातावरण को कैसे गर्म करती है?

सौर विकिरण वातावरण को चार प्रकार से गर्म करती है:

  • पार्थिव विकिरण (Terrestrial Radiation)
  • प्रवाहकत्त्व या चालन (Conduction)
  • संवहन (Convection)
  • अभिवहन (Advection)

पार्थिव विकिरण (Terrestrial Radiation)

terrestrial radiation

लंबी तरंग विकिरण वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों द्वारा अवशोषित होती है, जैसे की कार्बन डाइऑक्साइड (\(CO_2\)) द्वारा।

प्रवाहकत्त्व (Conduction)

प्रवाहकत्त्व के माध्यम से गर्मी हस्तांतरण - हवा, भूमि के साथ संपर्क में आकर गर्म हो जाती है। फिर निचली परतों के साथ संपर्क में आकर हवा की ऊपरी परतें भी गर्म हो जाती हैं।

वायुमण्डल की निचली परतों को गर्म करने में प्रवाहकत्त्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

लेकिन, वायुमंडल की ऊपरी परतों का क्या?

संवहन (Convection)

संवहन के माध्यम से गर्मी हस्तांतरण - जमीन के पास की गर्म हवा ऊपर उठती है, और गर्मी को वायुमंडल की ऊपरी परतों तक पहुंचाती है (यानी हवा की ऊर्ध्वाधर गति के माध्यम से)।

नोट

प्रवाहकत्त्व के विपरीत, इसमें वायु के अणुओं की वास्तविक गति शामिल होती है, न कि केवल ऊष्मा की।

संवहन के माध्यम से ऊर्जा का हस्तांतरण केवल क्षोभमंडल (troposphere) तक ही सीमित है।

अभिवहन (Advection)

अभिवहन के माध्यम से गर्मी हस्तांतरण - गर्माहट में स्थानिक अंतर, दबाव अंतर का कारण बनता है, जिससे हवाएं चलती हैं (यानी हवा की क्षैतिज गति के माध्यम से ऊर्जा स्थान्तरित होती है)।

नोट

प्रवाहकत्त्व के विपरीत, इसमें वायु के अणुओं की वास्तविक गति शामिल होती है, न कि केवल ऊष्मा की।

ऊर्ध्वाधर गति की तुलना में हवा की क्षैतिज गति अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए:

  • गर्मी के मौसम में उत्तरी भारत में स्थानीय हवाएं (जिन्हें लू कहते हैं) अभिवहन प्रक्रिया के कारण होती हैं।
  • मध्य अक्षांशों (middle latitudes) में दैनिक मौसम में अधिकांश परिवर्तन अभिवहन के कारण होते हैं।

तो, वायुमंडल परोक्ष रूप से, नीचे से पृथ्वी के विकिरण द्वारा गर्म होता है

नोट

क्या आप बता सकते हैं कि अधिक ऊंचाई वाले स्थानों (ऊंचे पठारों, पहाड़ों आदि) में सूर्य के करीब होते हुए भी ठंडी जलवायु क्यों होती है?




पृथ्वी का ताप बजट

हम जानते हैं कि, पृथ्वी की ऊर्जा का मुख्य स्रोत सूर्य है और यह हर दिन अपनी ऊर्जा प्रदान करता है। लेकिन, समय के साथ पृथ्वी गर्म क्यों नहीं होती है?

ऐसा इसलिए है क्योंकि पृथ्वी सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को वापस अंतरिक्ष में भेजती रहती है।

तो, जिस तरह एक सरकार या एक घर में आय और व्यय होता है, उसी तरह पृथ्वी भी गर्मी प्राप्त करती है और खोती भी है। इसे ही हम पृथ्वी का ताप बजट कहते हैं।

यहाँ पृथ्वी के ताप बजट के विभिन्न घटकों का एक चित्र दिया गया है: Heat budget of Earth

प्राप्त ऊष्मा की मात्रा (सूर्यातप के रूप में) = खोयी गयी मात्रा (परावर्तन, विकिरण के माध्यम से)

अतः तापमान स्थिर रहता है।

अब, आइए एक-एक करके इसके विभिन्न घटकों पर एक नजर डालते हैं।

पृथ्वी का एल्बिडो

पृथ्वी का एल्बिडो (Albedo) या प्रकाशानुपात - वह विकिरण जो पृथ्वी की सतह पर पहुँचने से पहले ही वापस अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है (35 इकाई) Albedo of the Earth

अवशोषित ऊष्मा

अवशोषित ऊष्मा = कुल आने वाली ऊष्मा - पृथ्वी का ऐल्बिडो = 100 - 35 = 65 इकाई heat absorbed by Earth

इस गर्मी में से सिर्फ 51 फीसदी ही जमीन पर पहुँचती है। heat absorbed by Earth

पृथ्वी द्वारा विकिरित ऊष्मा

अब, यह 51% ऊष्मा पृथ्वी द्वारा अंतरिक्ष में वापस विकीर्ण की जाती है| इसमें से कुछ सीधे और कुछ वायुमंडल के माध्यम से। heat radiated by Earth

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