पृथ्वी की आकृति (Prithvi ki Akriti)
इस लेख में हम यूपीएससी परीक्षा से सम्बंधित, भूगोल के विषय Shape of the Earth के बारे में अध्ययन करेंगे।
पृथ्वी का आकार गोलाकार है, हालांकि सटीक रूप से गोलाकार नहीं है। यह ध्रुवों पर थोड़ी चपटी होती है, अतः हम इस आकृति को जियोइड (Geoid) कहते हैं|
इसकी भूमध्यरेखीय परिधि 24,897 मील है, और इसकी ध्रुवीय परिधि उससे 83 मील (133.5 किमी) कम है।
गोलाकार होने के बावजूद, पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण लोग और बाकी चीज़ें पृथ्वी से नहीं गिरते हैं।
पृथ्वी के आकार के साक्ष्य (prithvi ke aakaar ke saboot)
पृथ्वी का पूर्ण चक्कर
फर्डिनेंड मैगलन (Ferdinand Magellan - 1519 से 1522) द्वारा पृथ्वी का पूर्ण चक्कर लगाने वाली पहली यात्रा ने यह साबित कर दिया कि पृथ्वी गोलाकार है, सपाट नहीं।
जहाज की दृश्यता
जब कोई जहाज समुद्र में दूर क्षितिज पर दिखाई देता है, तो मस्तूल का शीर्ष पतवार से पहले दिखाई देता है। यह तभी संभव है जब पृथ्वी गोलाकार हो|
सूर्योदय और सूर्यास्त
सूरज अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय पर उगता और अस्त होता है। जैसे-जैसे पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है, पूर्व के स्थान पश्चिम की तुलना में सूर्य को पहले देखते हैं।
यदि पृथ्वी चपटी होती, तो पूरी दुनिया में एक ही समय में सूर्योदय और सूर्यास्त होता।
चंद्र ग्रहण की छाया
हमे यह पता है की कोई भी वस्तु जिस आकार की होती है, उसकी छाया भी तकरीबन उसी आकार की होती है| अतः, किसी चीज़ की छाया भर देख लेने से उसके आकार के बारे में आंकलन किया जा सकता है|
चंद्र ग्रहण के दौरान, चंद्रमा पर पृथ्वी द्वारा डाली गई छाया हमेशा गोलाकार होती है। इससे ये अनुमान लगाया जा सकता है की संभवतः पृथ्वी गोलाकार ही होनी चाहिए|
अन्य ग्रह पिंड
लगभग सभी ग्रह पिंड गोलाकार हैं। चाहे वो मंगल, शुक्र जैसे ठोस गृह हों, या गुरु, शनि जैसे गैसीय ग्रह, या हमारा उपग्रह चन्द्रमा हो, या मंगल, गुरु के उपग्रह, या हमारा सितारा सूर्य ही क्यों न हो| सभी गोल आकृति के हैं| पृथ्वी एकमात्र अपवाद नहीं हो सकती।
हवाई और अंतरिक्ष से ली गयीं तस्वीरें
अब तक के जितने साक्ष्य आपके सामने प्रस्तुतु किये गए, वो संभवतः अप्रत्यक्ष या परोक्ष थे| परन्तु उचाई पर जाकर लोगों द्वारा ली गयी तसवीरें ऐसे प्रत्यक्ष प्रमाण हैं, जिन्हे झुटलाया नहीं जा सकता|
ऊंचाई और उपग्रहों से ली गई तस्वीरों और वीडियोस से साफ पता चलता है कि पृथ्वी गोलाकार है। इन्होने पृथ्वी के सपाट होने की सभी अटकलों पर पूर्ण-विराम लगा दिया|