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वातावरण का संयोजन और संरचना

इस लेख में, हम वायुमंडल के संयोजन (Composition) और संरचना (Structure) के बारे में जानेंगे। लेकिन ऐसा करने से पहले, आइए समझते हैं कि वायुमंडल से हमारा क्या मतलब है।

वायुमंडल क्या होता है ?

वातावरण (Atmosphere) हमारे चारों ओर है। यह 10,000 किमी की ऊंचाई तक पाया जाता है, लेकिन इसका 90% द्रव्यमान पृथ्वी की सतह से 30 किमी के भीतर ही सीमित है।

वायुमंडल

वायुमंडल पृथ्वी के चारों ओर विभिन्न गैसों का मिश्रण है, जो गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा पृथ्वी से जुड़ा हुआ है।

इस मिश्रण को हवा (air) कहते हैं। यह रंगहीन और गंधहीन होती है।

वायुमंडल का संयोजन (Composition of Atmosphere)

वातावरण मुख्य रूप से निम्नलिखित से बना है:

  • गैस
  • जल वाष्प
  • धूल के कण
composition of atmosphere

गैसें

नाइट्रोजन

नाइट्रोजन (Nitrogen, N2) पृथ्वी के वायुमंडल में सबसे प्रचुर मात्रा में पायी जाने वाली गैस है (लगभग 78%)।

ऑक्सीजन

ऑक्सीजन (Oxygen, O2) वायुमंडल में सभी गैसों का लगभग 21% है। 120 किमी की ऊंचाई के बाद यह लगभग नगण्य मात्रा में पायी जाती है। मनुष्यों और जानवरों को O2 की आवश्यकता होती है।

कार्बन डाई-ऑक्साइड

कार्बन डाइ-ऑक्साइड (Carbon di-oxide, CO2) पृथ्वी की सतह से केवल 90 किमी की दूरी तक ही पायी जाती है। पौधों को CO2 की आवश्यकता होती है।

जब भी हम Carbon di-oxide की बात करते हैं, तो Green house effect का जिक्र भी होता ही है|

ग्रीन हाउस प्रभाव (Green house effect) - CO2 आने वाले सौर विकिरण के लिए पारदर्शी होती है, लेकिन बाहर जाने वाले स्थलीय विकिरण के लिए अपारदर्शी है।

यह मात्रा में बढ़ रही है - मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधन के जलने के कारण। इसलिए, हम बढ़े हुए ग्रीन हाउस प्रभाव और बढ़ते वैश्विक तापमान को देख रहे हैं।

नोट

प्रश्न: हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह कौन सा है ?

उत्तर: यह शुक्र है, न कि बुध (भले ही बुध, शुक्र की तुलना में सूर्य के अधिक निकट है)।

क्या आप इसका कारण जानते हैं?
यह इसके वातावरण में CO2 के अत्यधिक स्तर के कारण है।

वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि एक समय में शुक्र (Venus) बिल्कुल पृथ्वी जैसा हुआ करता था। इसमें वायुमंडल और महासागर थे। लेकिन फिर तापमान बढ़ गया और महासागर वाष्पीकृत हो गए। इसके वातावरण में जलवाष्प के अत्यधिक स्तर और CO2 के कारण, ग्रीनहाउस प्रभाव ने तापमान के स्तर को और बढ़ा दिया और शुक्र लगातार बढ़ते तापमान के इस दुष्चक्र में फंस गया। वैज्ञानिकों का तो यहां तक ​​मानना ​​है, कि शुक्र पर तापमान इतना अधिक है कि वहां द्रव धातुओं की वर्षा होती है।

ओजोन

ओजोन (Ozone, O3) पृथ्वी की सतह से 10 - 50 किमी के बीच पायी जाती है।

यूवी फिल्टर (UV filter) - ओजोन सूर्य से आने वाली अल्ट्रा-वायलेट किरणों को अवशोषित कर लेती है, जिससे वह पृथ्वी की सतह तक नहीं पहुंच पाती हैं।

जल वाष्प

जल वाष्प, गैसीय अवस्था में H2O को ही कहते हैं|

जलवाष्प की मात्रा ऊंचाई के साथ घटती है - यह पृथ्वी की सतह से केवल 90 किमी तक ही पाया जाता है। (CO2 की तरह ही)

भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर इसकी मात्रा घटती जाती है - गर्म और आर्द्र कटिबंधों (tropics) में वायु की मात्रा का 4% तक, तथा रेगिस्तान और ध्रुवीय क्षेत्रों के शुष्क और ठंडे क्षेत्रों में 1% से भी कम।

ग्रीन हाउस प्रभाव (Green house effect) - जलवाष्प सूर्यातप के कुछ हिस्सों को अवशोषित करता है, और पृथ्वी की विकिरणित गर्मी (radiated heat) को संरक्षित करता है। इससे ग्रीन हाउस प्रभाव बढ़ता है|

जलवाष्प दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मौसम और जलवायु में भारी अंतर पैदा करता है।

धूल के कण

धूल के कणों की उत्पत्ति - धूल के कण विभिन्न स्रोतों से आते हैं, जैसे समुद्री लवण, महीन मिट्टी, धुएँ की कालिख (smoke-soot), राख (ash), पराग (pollen), उल्का (meteors), आदि।

ऊंचाई के साथ घटती मात्रा - धूल आमतौर पर वायुमंडल की निचली परतों में ही केंद्रित होती है।

उपोष्णकटिबंधीय (subtropical) और समशीतोष्ण (temperate) क्षेत्रों में धुल की उच्च सांद्रता पायी जाती है (भूमध्यरेखीय और ध्रुवीय क्षेत्रों की तुलना में) - शुष्क हवाओं के कारण।

बादल निर्माण - धुल के कण, हीड्रोस्कोपिक नाभिक (hygroscopic nuclei) के रूप में कार्य करते हैं, जिसके चारों ओर जल वाष्प संघनित होता है।

वायुमंडल की संरचना (Structure of Atmosphere)

वायुमंडल में विभिन्न परतें होती हैं। इन परतों का घनत्व और तापमान बहुत भिन्न होता है।

  • घनत्व (Density) - वायुमंडल का घनत्व पृथ्वी की सतह के निकट सबसे अधिक होता है। ऊंचाई बढ़ने के साथ यह घटता जाता है।

  • तापमान - हम तापमान के आधार पर वायुमंडल के स्तंभ को मुख्य रूप से पांच अलग-अलग परतों में विभाजित करते हैं:

    ये परतें हैं:

  • क्षोभ मंडल (troposphere)

  • समताप मंडल (stratosphere)

  • मध्यमंडल (mesosphere)

  • बाह्य वायुमंडल (thermosphere) और

  • बहिर्मंडल (exosphere)

structure of atmosphere

आइए एक-एक करके इन परतों का अध्ययन करें:

क्षोभ मंडल (Troposphere)

क्षोभमंडल की विशेषताएं

  • स्थिति - यह वायुमंडल की सबसे निचली परत है।

    अतः जहाँ तक जैविक गतिविधि का संबंध है, इसे सबसे महत्वपूर्ण परत माना जा सकता है।

  • मोटाई - इसकी औसत ऊंचाई 13 किमी है।

    भूमध्य रेखा पर मोटाई सबसे अधिक होती है। (ध्रुवों के पास 8 किमी और भूमध्य रेखा पर लगभग 18 किमी)

  • मौसम और जलवायु - इस परत में धूल के कण और जलवाष्प होते हैं। अधिकांश जलवायु और मौसम संबंधी गतिविधियाँ इसी परत तक सीमित हैं। इसलिए, जलवायु विज्ञान (Climatology) में हम ज्यादातर खुद को क्षोभ मंडल (और कुछ हद तक समताप मंडल) तक ही सीमित रखते हैं।

नोट

क्षोभमंडल में हम जैसे-जैसे ऊपर जाते हैं, तापमान कम होता जाता है|

पर्यावरणीय ह्रास दर (Environmental Lapse Rate, ELR)

पर्यावरणीय ह्रास दर (Environmental Lapse Rate) या पर्यावरणीय चूक दर, किसी स्थान विशेष और समय विशेष पर, वातावरण की ऊंचाई में वृद्धि के साथ तापमान में गिरावट की वास्तविक दर होती है।

सामान्य ह्रास दर (Normal Lapse Rate, NLR)

पर्यावरणीय ह्रास दर का औसत - वायुमंडल में प्रति किमी चढ़ाई के साथ लगभग 6.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट, या प्रत्येक 165 मीटर चढ़ाई के साथ लगभग 1 डिग्री सेल्सियस की गिरावट।

क्षोभ-सीमा (Tropopause)

क्षोभ-सीमा - क्षोभमंडल को समताप मंडल से अलग करने वाला क्षेत्र।

यहाँ का तापमान लगभग स्थिर रहता है। यह भूमध्य रेखा पर लगभग -80°C और ध्रुवों पर लगभग -45°C होता है।

नोट

भूमध्य रेखा पर ध्रुवों की तुलना में कम तापमान क्यों?

क्षोभमंडल की ऊंचाई, ध्रुवों की तुलना में भूमध्य रेखा पर अधिक होती है। ऊंचाई जितनी अधिक होगी, तापमान उतना ही कम होगा।

समताप मंडल (Stratosphere)

समताप मंडल की विशेषताएं

  • स्थिति - यह ट्रोपोपॉज़ के ऊपर होता है, और 50 किमी की ऊँचाई तक फैला होता है।

    इसमें ओजोन परत (ozone layer) भी होती है। structure of atmosphere

  • तापमान - यह परत बहुत ठंडी होती है। तापमान ऊंचाई के साथ बढ़ता है या स्थिर रहता है (इसपर दो विरोधाभासी सिद्धांत हैं)।

  • यहां हवा बेहद पतली होती है, धूल, धुएं या जल वाष्प के बिना। यह परत बादल रहित भी होती है।

मध्यमंडल (Mesosphere)

मध्यमंडल की विशेषताएं

  • स्थिति - यह समताप मंडल के ऊपर स्थित होता है और 80 किमी की ऊँचाई तक फैला हुआ होता है।

  • तापमान - ऊंचाई के साथ घटता है (80 किमी की ऊंचाई पर -100 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है)।

मध्य सीमा (Mesopause) - मध्यमंडल की ऊपरी सीमा।

बाह्य वायुमंडल (Thermosphere)

बाह्य वायुमंडल की विशेषताएं

  • स्थिति - मध्य सीमा (mesopause) के ऊपर 80 से 400 किमी के बीच स्थित होता है।

  • तापमान - ऊंचाई के साथ बढ़ता है (1700 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है)।

बहिर्मंडल (Exosphere)

बहिर्मंडल की विशेषताएं

  • स्थिति - बहिर्मंडल के ऊपर वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत। यह धीरे-धीरे बाहरी अंतरिक्ष में विलीन हो जाता है।

आयनमंडल (Ionosphere)

आयनमंडल एक विशेष परत है जो मध्यमंडल (Mesosphere), बाह्य वायुमंडल (Thermosphere) और बहिर्मंडल (Exosphere) को ओवरलैप करती है।

यह वातावरण का बहुत सक्रिय हिस्सा है| यह बढ़ता और सिकुड़ता रहता है, क्योंकि यह सूर्य से ऊर्जा को अवशोषित करता है। इन परतों की गैसें सौर विकिरण से उत्तेजित होकर विद्युत आवेशित कण बनाती हैं, जिन्हें आयन (ions) कहते हैं। इसलिए इसे आयनमंडल कहते हैं।

आयनमंडल की विशेषताएं

  • औरोरा (Auroras) - आयनमंडल में आयन पृथ्वी और सूर्य दोनों के चुंबकीय क्षेत्रों से प्रभावित होते हैं। यह वह जगह है जहां औरोरा (प्रकाश के उज्ज्वल, सुंदर बैंड) होते हैं। वे सूर्य के उच्च-ऊर्जा कणों के आयनोस्फीयर में स्तिथ परमाणुओं के साथ परस्पर क्रिया के कारण पैदा होते हैं।

  • रेडियो प्रसारण - पृथ्वी से प्रेषित रेडियो तरंगें इस परत द्वारा वापस पृथ्वी पर परावर्तित हो जाती हैं। तो, यह परत लंबी दूरी पर लघु तरंग रेडियो प्रसारण (short-wave radio transmission) संभव बनाती है।

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